लेखक:
गिरिराज किशोर
जन्म : 1937, मुजफ्फरनगर (उ.प्र.)।
सम्मान :
आजकल 'कस्तूरबा’ पर उपन्यास लिखने में व्यस्त। |
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अंजनये जयतेगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 395
गिरिराज किशोर के सम्भवतः पहले मिथकीय उपन्यास 'आंजनेय जयते' की कथा संकटमोचन हनुमान के जीवन-संघर्ष पर केन्द्रित है। आगे... |
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इक आग का दरिया हैगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 180
आधुनिक परिवेश में दिन-दिन उपजते अन्तर्विरोधों के अँधेरे के बीच उम्मीद की लौ जगाती एक मार्मिक कथा... आगे... |
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काठ की तोपगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 60 बिचौलियों द्वारा आर्थिक शोषण कराने की अन्तर्राष्ट्रीय गोलबंदी पर आधारित नाटक.... आगे... |
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गांधी और समाजगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 595 |
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गाँधी को फाँसी दोगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 125 दक्षिण अफ्रीका गाँधी की कर्मभूमि थी जहाँ उन्होंने अपने जीवन के बीस वर्ष बिताए और वहीं पर अहिंसा और सत्याग्रह का पहला प्रयोग किया... आगे... |
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चेहरे-चेहरे किसके चेहरेगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 100 चेहरे-चेहरे किसके चेहरे... आगे... |
चेहरे-चेहरे किसके चेहरेगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 100 चेहरे-चेहरे किसके चेहरे पुस्तक का आई पैड संस्करण आगे... |
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जुगलबन्दीगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 295
जुगलबन्दी... आगे... |
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ढाई घरगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 160 साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक श्री गिरिराज किशोर का सामाजिक उपन्यास ‘ढाई घर’ आगे... |
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ढाई घरगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 375 साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित उपन्यास ‘ढाई घर’ आगे... |
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देखो जग बौरानागिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 225 यह पुस्तक गिरिराज किशोर के व्यापक चिंतन का उदाहरण है। आगे... |
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परिशिष्टगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 450
यह उपन्यास गिरिराज किशोर की पहचान को ही गहरा नहीं करता बल्कि हिन्दी उपन्यास की परम्परा को समृद्ध भी करता है। आगे... |
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पहला गिरमिटियागिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 795 प्रस्तुत है महात्मा गाँधी के जीवन पर आधारित उपन्यास... आगे... |
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बा (अजिल्द)गिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 250 |
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बा (सजिल्द)गिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 595 |
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यह देह किसकी हैगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 150 सामाजिक कहानियाँ... आगे... |
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लोगगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 350
कथारस और पठनीयता के गुणों से ओतप्रोत एक महत्त्वपूर्ण उपन्यास। आगे... |
वल्द रोजीगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 45
इसमें विज्ञानी. अन्वेषण, वैज्ञैनिक परिवेश से प्रभावित कहानियों का वर्णन है... आगे... |
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हमारे मालिक सबके मालिकगिरिराज किशोर
मूल्य: Rs. 175 ‘हमारे मालिक सबके मालिक’ जिस कहानी पर इस संग्रह का नामकरण किया गया है। वह दुनिया के तथाकथित मालिकों की कहानी है जिनका डंडा पूजने के लिए आज सब बाध्य हैं, शायद आगे भी रहेंगे, ख़ासतौर से तीसरी दुनिया के हम जैसे देश! आगे... |